Wednesday, November 14, 2018

कहानी फ़्लिपकार्ट वाले बिनी बंसल की: कामयाबी से इस्तीफ़े तक

फ़्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिनी बंसल ने शायद ही सोचा होगा कि कभी उन्हें इस तरह अपनी कंपनी छोड़ना पड़ेगी.
बिनी बंसल और फ़्लिपकार्ट, ये दो नाम अब तक कामयाबी की एक शानदार कहानी थे लेकिन अब इसमें आरोप और इस्तीफ़े का स्याह पहलू भी जुड़ गया है.
भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर कंपनी फ़्लिपकार्ट के सीईओ और सह-संस्थापक बिनी बंसल ने 'व्यक्तिगत दुर्व्यवहार' के आरोपों के चलते इस्तीफ़ा दे दिया है.
फ़्लिपकार्ट को पिछले साल ही वॉलमार्ट ने ख़रीद लिया था. कंपनी के सह संस्थापक सचिन बंसल अपनी हिस्सेदारी बेचकर पहले ही इस्तीफ़ा दे चुके हैं लेकिन 37 वर्षीय बिनी पद पर बने हुए थे.
कंपनी का कहना है कि बिनी के ख़िलाफ़ शिकायत की अंदरूनी जांच में आरोपों के पक्ष में सबूत तो नहीं मिले हैं लेकिन इस मामले पर बिनी बंसल ने पारदर्शिता नहीं दिखाई है.
हालांकि, बिनी बंसल ने कंपनी के कर्मचारियों को लिखे एक मेल में इन आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने लिखा, ''इन आरोपों से मैं हैरान हूं और दृढ़ता से इन्हें ख़ारिज करता हूं. ये मेरे परिवार और मेरे लिए चुनौती भरा समय है. इन हालात को देखते हुए मैं कंपनी के चेयरमैन और ग्रुप सीईओ के पद से इस्तीफा देना ही सही समझता हूं.''
फिलहाल दोनों बंसल अब फ़्लिपकार्ट से जुदा हो चुके हैं. लेकिन, वो कहानी कम हैरतअंगेज़ नहीं है, जब शून्य से शुरुआत करके बिनी और सचिन बंसल ने फ़्लिपकार्ट को यहां तक पहुंचाया था. भारतीय स्टार्टअप की दुनिया में जय-वीरू कहलाने वाले बिनी बंसल और सचिन बंसल कुछ ही सालों में कॉलेजमेट से सहकर्मी और फिर बिजनेस पार्टनर बन गए.
बिनी बंसल चंडीगढ़ के रहने वाले हैं. उनके पिता एक बैंक के चीफ़ मैनेजर रहे हैं और मां भी किसी सरकारी नौकरी में हैं. उन्होंने आईआईटी, दिल्ली से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है.
कॉलेज से निकले किसी भी नौजवान की तरह वो एक अदद नौकरी चाहते थे जो पढ़ाई को 'सफल' बना सके.
उन्होंने गूगल में भी नौकरी की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुए. गूगल से उन्हें दो बार खाली हाथ लौटना पड़ा.
फिर भी उनकी कोशिशें काम आईं और एक बड़ी ऑनलाइन रिटेलर कंपनी अमेज़ॉन में उन्हें नौकरी मिल गई. अमेज़ॉन में ही वह अपने पुराने दोस्त सचिन बंसल से मिले. यहां ध्यान रखना ज़रूरी है कि बिनी और सचिन दोस्त हैं, भाई नहीं.
सचिन बंसल भी आईआईटी, दिल्ली में कंप्यूटर साइंस के स्टूडेंट रहे हैं और उन्होंने बिनी से एक बैच पहले एडमिशन लिया था.
अमेज़ॉन में साथ काम करते हुए दोनों को ख़ुद के स्टार्टअप का ख़याल आया. दोनों में से किसी को कारोबार का अनुभव नहीं था लेकिन उनके पास एक आइडिया जरूर था.
दोनों ने कुछ हिम्मत दिखाई और नौकरी छोड़ दी. पहले सचिन बंसल और फिर कुछ समय बाद बिनी बंसल अमेज़ॉन से अलग हो गए. बिनी ने सिर्फ़ नौ महीने ही अमेज़ॉन में नौकरी की.
दोनों को ऑनलाइन रिटेल का अनुभव था लेकिन भारत में ये आइडिया पूरी तरह पांव नहीं पसार सका था. ऑनलाइन रिटेलिंग अपने शुरुआती दौर में थी और इस क्षेत्र में दूसरी कंपनियां भी काम कर रही थीं.

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