Wednesday, September 26, 2018

आज की पाँच बड़ी ख़बरें: '100 रुपये लीटर पेट्रोल' के लिए तैयारी

कई तेल कंपनियों ने पेट्रोल पंपों पर लगीं मशीनों में तब्दीली लाने का फ़ैसला किया है ताकि पेट्रोल की क़ीमत अगर 100 रुपये प्रति लीटर के पार चली जाये तो मशीनें ग्राहकों को ठीक क़ीमतें दिखा सकें.
'इकोनॉमिक टाइम्स' अख़बार ने इस बारे में लिखा है कि कुछ पेट्रोल पंप मालिकों ने ये आशंका ज़ाहिर की थी कि उनके यहाँ लगीं मशीनें तीन अंकों में तेल की क़ीमत दिखाने में फ़िलहाल अक्षम हैं.
वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत बढ़ने की वजह से तेल कंपनियों ने ये निर्णय किया है.
सोमवार को मुंबई में पेट्रोल की क़ीमत 90 रुपये प्रति लीटर तक पहुँच गई थी. हालांकि तेल कंपनियों का ये भी कहना है कि हाल फ़िलहाल में पेट्रोल की क़ीमत 100 रुपये प्रति लीटर तक नहीं पहुँचेगी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के ख़िलाफ़ महाराजगंज ज़िला सत्र न्यायालय ने 19 साल पुराने हत्या के एक मामले में नोटिस जारी किया है.
कोर्ट ने योगी को एक हफ़्ते भीतर जवाब भी दाख़िल करने को कहा है.
इस मामले में अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को होनी है.
हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता तलत अज़ीज़ ने हाई कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दाख़िल की थी, जिसपर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने ज़िला सत्र न्यायालय को दोबारा इस केस का ट्रायल शुरू करने का आदेश दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों से कहा है कि वो ये सुनिश्चित करें हर प्रत्याशी अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी निर्वाचन आयोग की ओर से दिये गए फ़ॉर्म में 'बोल्ड लेटर्स' में दे.
कोर्ट ने ये भी कहा है कि हर प्रत्याशी को नामांकन दाखिल करने के बाद अपने क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी कम से कम तीन बार अख़बारों और टीवी पर देनी होगी.
निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार क्रिमिनल रिकॉर्ड्स के डिक्लेयरेशन के लिए एक नया फ़ॉरमैट तैयार करेगा.
कोर्ट ने ये भी कहा है कि राजनीतिक दलों को अपने प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी अपनी वेबसाइट पर भी देनी होगी.
आधार कार्ड की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फ़ैसला सुना सकता है.
साथ ही प्रमोशन में आरक्षण, कोर्ट की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग और दोषी नेताओं की कुर्सी किसके आदेश से जाएगी, इन तमाम मामलों पर भी सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फ़ैसला दे सकती है.
चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायरमेंट से पहले 4 कार्यदिवस बचे हैं. इस दौरान वो आधार, अयोध्या, अडल्टरी, सबरीमाला, भीड़ द्वारा संपत्ति के नुकसान पहुँचाने के मामले और एक्टिविस्टों के ख़िलाफ़ केस रद्द करने और एसआईटी जाँच की गुहार पर फ़ैसला दे सकते हैं.
यानी चार कार्यदिवस में वो 9 अहम फ़ैसले सुनाने वाले हैं.
सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस नेता अहमद पटेल द्वारा दायर याचिका पर भी फैसला सुनाएगा, जिसमें गुजरात हाईकोर्ट में चुनाव याचिका में सुनवाई आगे बढ़ने के आदेश को चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि अहमद पटेल के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में चुनाव याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी या नहीं.मरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को भारत की तारीफ़ की.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र में ट्रंप ने कहा कि भारत की कोशिशों से वहाँ रह रहे लाखों नागरिक ग़रीबी से बाहर आये हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि ये भारत ही है जहाँ मुक़्त समाज में करोड़ों लोग रहते हैं. वहाँ सरकार ने लोगों को ग़रीबी से निकालकर मिडिल क्लास में शामिल कर दिया है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रंप का ये दूसरा भाषण था.
ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच पर सऊदी अरब और इसराइल का भी ज़िक्र किया.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी ख़बर के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस ने एक लड़की को मुस्लिम लड़के के साथ दिखने पर बुरी तरह पीटा और गालियाँ दीं.
मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एक महिला कॉन्स्टेबल लड़की को पीटते हुए उसे मुस्लिम पार्टनर चुनने के लिए भला-बुरा कह रही है.
वहीं, वैन चलाने वाले होमगार्ड पर पूरी घटना का वीडियो बनाने का आरोप है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि दोनों लड़की से पूछ रहे हैं वो मुसलमान लड़के के साथ क्यों आई है.
इसके बाद गार्ड उससे पूछता है, ''तुम्हें मुल्ला ज़्यादा पसंद आ रहा है? हिंदू लड़कों के रहते हुए?''
इसके बाद महिला कॉन्स्टेबल लड़की के गाल पर बार-बार थप्पड़ मारती है.
वो दोनों लड़की से बार-बार पूछ रहे हैं कि क्या उसे मुस्लिम लड़के को डेट करते हुए शर्म नहीं आती? वैन में दो अन्य पुलिसकर्मी भी सवार थे.
मामला तूल पकड़ने के बाद चारों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है और उनके ख़िलाफ़ विभागीय जाँच शुरू कर दी गई है.
उत्तर प्रदेश के गोरखुपर में दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के दो प्रोफ़ेसरों पर एससी/एसटी ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक दलित छात्र ने दोनों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. ये ख़बरइंडियन एक्सप्रेस में छपी है.
छात्र ने चार दिन पहले ज़हर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश भी की थी जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया.
छात्र ने फ़ेसबुक पर एक वीडियो पर पोस्ट करके इसकी शिक़ायत की थी और कहा था कि ये प्रोफ़ेसर उसे रिसर्च नहीं करने दे रहे हैं.
छात्र ने दोनों पर उत्पी़ड़न और जातिवादी शब्दों के इस्तेमाल का आरोप लगाया था.
छात्र का कहना है कि जब उसने इसकी शिक़ायत विश्वविद्यालय प्रशासन की तो कुछ गुंडों ने उसे जान से मारने की कोशिश की.

Thursday, September 6, 2018

सऊदी अरब इस इमाम के लिए क्यों चाहता है सज़ा-ए-मौत

सऊदी अरब में अगर सोशल मीडिया पर किया गया किसी तरह का व्यंग्य "सरकार के आदेश और धार्मिक मूल्यों का मज़ाक उड़ाता है या उकसावे या बाधा डालने वाला लगता है तो उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.
सऊदी अरब के सार्वजनिक अभियोजन पक्ष ने ऐसे मामलों में सज़ा दिए जाने की वकालत की है.
ऐसे व्यंग्य लिखने और शेयर करने वाले को पांच साल की सज़ा और आठ लाख डॉलर का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
अभियोजन पक्ष इससे पहले भी सरकार की आलोचना करने वालों के खिलाफ एंटी-साइबरक्राइम लॉ का इस्तेमाल करता रहा है.
लेकिन ताज़ा घोषणा के तहत सोशल मीडिया पर व्यंग्य भरे पोस्ट लिखने वाले लोगों पर भी अब गाज गिरेगी. पिछले साल सऊदी अरब की सरकार ने असहमति जताने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की थी. इसमें महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले दर्जनों कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार रक्षकों, प्रभावशाली धार्मिक नेताओं और बुद्धिजीवियों को हिरासत में लिया गया था. इनमें जानेमाने धार्मिक नेता सलमान-अल-अवदाह भी शामिल हैं. ट्वीटर पर उनके 14 मिलियन से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं. ऊदी अरब के सार्वजनिक अभियोजन पक्ष ने सलमान-अल-अवदाह के लिए मौत की सज़ा की मांग की है. उनपर चरमपंथ से जुड़े आरोप लगाए गए हैं.

उनके ख़िलाफ़ रियाद में चल रहे विशेष आपराधिक कोर्ट में सुनवाई के पहले दिन ये मांग रखी गई.
61 साल के सलमान-अल-अवदाह के ख़िलाफ़ कुल मिलाकर 37 मामले दर्ज किए गए हैं. लंदन की सऊदी राइट्स फाउंडेशन के मुताबिक इन मामलों में सरकार के ख़िलाफ़ लोगों को उकसाने का मामला भी शामिल है.
अवदाह के बेटे ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि उनके पिता के ख़िलाफ़ आलोचना भरे ट्वीट करने और पैगंबर मोहम्मद के सम्मान की रक्षा के लिए एक संस्था बनाने का आरोप है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल के कार्यकर्ता डाना अहमद ने पत्रकारों से कहा, "सऊदी में ये चिंताजनक ट्रेंड गंभीर संदेश दे रहा है कि शांतिपूर्ण असहमति और अभिव्यक्ति दर्शाने वाले लोगों को मौत की सज़ा दी जाएगी."
हालांकि सऊदी के अटॉर्नी जनरल ने इस मामले पर अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
सऊदी अरब के शासन में राजपरिवार का बोलबाला है. यहां सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शन करने और राजनीतिक पार्टी बनाने पर रोक है.
पिछले साल असहमति जताने वाले कई धार्मिक नेताओं, बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की गई थी. ये गिरफ्तारियां ऐसे समय में हुई जब सऊदी की सरकार कई तरह के सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाने की बात कर रही है.
सलमान-अल-अवदाह को भी 2017 में अन्य 20 लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा था कि अवदाह को एक ट्वीट के कुछ देर बाद गिरफ्तार किया गया था. ट्वीट में उन्होंने सऊदी अरब और कतर के बीच संभावित सुलह का स्वागत किया था. इससे पहले भी वो सऊदी सरकार की आलोचना करते रहे हैं.
ब्रिटेन में पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया स्क्रिपल पर ज़हरीले नर्व एजेंट नोविचोक से हमले के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस सम्बन्ध में हुई एक बैठक में दोनों पक्षों की ओर से तीखी बयानबाज़ी हुई है.
इस बैठक में ब्रिटेन के जांचकर्ताओं ने परिषद को पूरी जानकारी दी. ब्रिटेन का स्पष्ट आरोप है कि सर्गेई और यूलिया पर रूसी सेना के ख़ुफ़िया अधिकारियों ने हमला करवाया है.
अमरीका, फ़्रांस, जर्मनी और कनाडा ने भी रूस के ख़िलाफ़ ब्रिटेन के आरोपों का समर्थन किया है.
चारों देशों के शीर्ष नेताओं ने मिलकर एक संयुक्त बयान जारी किया. रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीज़ा मे, जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल, फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से जारी किए गए इस बयान में कहा गया-
"हम फ़्रांस, जर्मनी, अमरीका, कनाडा और ब्रिटेन के नेता सैलिस्बरी में 4 मार्च को नोविचोक नाम के रासायनिक नर्व एजेंट के इस्तेमाल पर अपनी नाराज़गी और विरोध दुहरा रहे हैं."
साझा बयान में इन देशों ने रूस से उसके नोविचोक कार्यक्रम का पूरा ब्योरा सार्वजनिक करने की मांग भी की है.
संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन की राजदूत कैरेन पियर्स ने कहा कि रूस अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के ख़िलाफ़ जाकर चीज़ों को अंजाम दे रहा है.
कैरेन ने कहा, "हम जो करना चाहते हैं, लोग उसका समर्थन कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि रूस किस तरह उस अंतरराष्ट्रीय तंत्र के ख़िलाफ़ काम कर रहा है. वही तंत्र जो साल 1945 से हमारी सुरक्षा कर रहा है. लेकिन हम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर रूस को ऐसा करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं."
ब्रिटेन का अगला कदम क्या होगा, इस बारे में कैरेन ने कहा, "ये ज़ाहिर है कि हमें अंतरराष्ट्रीय तंत्र को और मज़बूत बनाने की ज़रूरत है. ऐसा अंतरराष्ट्रीय तंत्र जो सुनिश्चित करे कि रासायनिक हथियारों पर पाबंदी का मतलब पाबंदी ही होता है."
संयुक्त राष्ट्र में अमरीकी राजदूत निकी हेली ने कहा कि अमरीका रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की स्पष्ट आलोचना करता है फिर चाहे वो ब्रिटेन के सैलिस्बरी मे हो या दुनिया के किसी और कोने में.
उन्होंने कहा, "हम इन भयंकर हथियारों के ख़िलाफ़ बने अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और ब्रिटेन के लोगों के साथ मज़बूती से खड़े हैं.
दूसरी तरफ़ रूस ने इन सारे आरोपों को अस्वीकार्य बताते हुए ख़ारिज किया है. रूस ने ब्रिटेन बिना किसी सबूत के उस पर आरोप लगाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि वो रूस के ख़िलाफ़ घृणित दुर्भावना से ग्रस्त है.
इस साल 4 मार्च को दक्षिणी ब्रिटेन के सैलिस्बरी सिटी सेंटर में 66 साल के पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी 33 साल की बेटी यूलिया स्क्रिपल एक बेंच पर बेहोशी की हालत में मिले थे.
बाद में दोनों पर ज़हरीले नर्व एजेंट से हमला होने की बात सामने आई थी. दोनों की स्थिति काफ़ी नाजुक थी लेकिन लंबे वक़्त तक अस्पताल में रहने के बाद वो बाहर आ गए थे.
ब्रिटेन की सरकार ने कहा था कि इस हमले में रूस में बने नर्व एजेंट नोविचोक का इस्तेमाल किया गया है.
इस घटना ने ब्रिटेन और रूस के संबंधों को भी तल्ख़ कर दिया था. इस हमले का आरोप रूस पर लगाते हुए पहले ब्रिटेन ने और फिर उसके समर्थन में 20 से ज़्यादा देशों ने अपने यहां से रूसी राजनयिकों को निकाल दिया था.
अमरीका ने भी अपने यहां से 60 रूसी राजनयिकों को देश छोड़ने को कहा था और सिएटल का रूसी दूतावास बंद कर दिया था.
इसके बाद जुलाई में ब्रिटेन के एक दंपति पर भी उसी नर्व एजेंट से हमले की घटना सामने आई थी जिससे यूलिया और उनके पिता पर हमला किया गया था.

Wednesday, September 5, 2018

世界最新环境资讯

报道,在可再生能源价格不断下降而石油和天然气成本不断升高的环境下,丹麦预计能在2050年前发展起完全无化石燃料的新能源系统。要达到此目标,该报道建议立刻将每年GDP的0.5%投资到绿色能源的开发研究上。

据BBC报道,德国政府最终同意延长核反应堆寿命的计划。面对国内高涨的反核情绪,部长们表示核能的发展是打造绿色未来的“桥梁技术”。

英国《卫报》报道,日本为支撑本国能源安全,明年将在海岸边开始冰冻甲烷(可燃冰)的试探性商业开采。这是一种甲烷水合物-存在冰冻水中的甲烷气-蕴藏在具备低温以及相当于正常气压23倍的高压环境的深海海底或永久冻土层中。

据《卫报》报道,巴西为资助一个大规模的海上勘探项目以使其晋升至全球产油国,日前公布了史上最大的公开招股:销售国营能源集团 价值700亿美元的股份。法新社称, 至此成为世界第三大石油公司,仅次于埃克森美孚和中石油。

据称蓝色尼罗河的河水具有治疗效力,但埃塞俄比亚人说这是他们从尼罗河中得到的唯一好处,美联社报道。埃塞俄比亚是尼罗河的发源地,却常遭受干旱的折磨,而下游国家则尽享受着尼罗河带来的所有好处。出于国家安全的考虑,埃塞俄比亚政府已决定出资进行水利工程建设。

《纽约时报》消息,基于美国西南部长达11年的干旱,以及该地区水需求的不断增长,不出意外,科罗拉多河水位新低记录将在明年初录得。

探索频道表示,全球含水层的消耗速度比补充速度快的多,而且在某些案例中,其下降速率已经超过上世纪60年代的两倍。究其原因,农业灌溉大大推动了用水激增,大约70-80%的地下水因此流失。

据路透社报道,15个欧洲国家同意在世界上首个公海保护区合作,共建大西洋捕鱼自由区。这或意味该区将永久禁止捕鱼和海床钻探开采,甚至将对航运的限制。

美国食品生产商  的决定不在从涉嫌破坏热带雨林的公司购买棕榈油,美联社称此举受到环保人士的称赞。包括联合利华、雀巢、卡夫和汉堡王等公司也已宣布采用相似政策。


 网报道,在可再生能源价格不断下降而石油和天然气成本不断升高的环境下,丹麦预计能在2050年前发展起完全无化石燃料的新能源系统。要达到此目标,该报道建议立刻将每年 的0.5%投资到绿色能源的开发研究上。

据BBC报道,德国政府最终同意延长核反应堆寿命的计划。面对国内高涨的反核情绪,部长们表示核能的发展是打造绿色未来的“桥梁技术”。

英国《卫报》报道,日本为支撑本国能源安全,明年将在海岸边开始冰冻甲烷(可燃冰)的试探性商业开采。这是一种甲烷水合物-存在冰冻水中的甲烷气-蕴藏在具备低温以及相当于正常气压23倍的高压环境的深海海底或永久冻土层中。

据《卫报》报道,巴西为资助一个大规模的海上勘探项目以使其晋升至全球产油国,日前公布了史上最大的公开招股:销售国营能源集团Petrobras价值700亿美元的股份。法新社称, 至此成为世界第三大石油公司,仅次于埃克森美孚和中石油。

据称蓝色尼罗河的河水具有治疗效力,但埃塞俄比亚人说这是他们从尼罗河中得到的唯一好处,美联社报道。埃塞俄比亚是尼罗河的发源地,却常遭受干旱的折磨,而下游国家则尽享受着尼罗河带来的所有好处。出于国家安全的考虑,埃塞俄比亚政府已决定出资进行水利工程建设。

《纽约时报》消息,基于美国西南部长达11年的干旱,以及该地区水需求的不断增长,不出意外,科罗拉多河水位新低记录将在明年初录得。

探索频道表示,全球含水层的消耗速度比补充速度快的多,而且在某些案例中,其下降速率已经超过上世纪60年代的两倍。究其原因,农业灌溉大大推动了用水激增,大约70-80%的地下水因此流失。

据路透社报道,15个欧洲国家同意在世界上首个公海保护区合作,共建大西洋捕鱼自由区。这或意味该区将永久禁止捕鱼和海床钻探开采,甚至将对航运的限制。

美国食品生产商 的决定不在从涉嫌破坏热带雨林的公司购买棕榈油,美联社称此举受到环保人士的称赞。包括联合利华、雀巢、卡夫和汉堡王等公司也已宣布采用相似政策。

Monday, September 3, 2018

英国年度环评报告要点简析

最近,给环境定价是否有用的辩论仍旧如火如荼,英国国家统计办公室则刚公布了国家年度环境经济核算。英国政府一直致力于将环境因素纳入经济解析,这一举措是其中之一。什么是环境经济核算?它们告诉我们什么? 
 
英国的环境经济核算对于英国的国民经济核算来说是“卫星经济核算”。它的产生是为了便于测量经济对环境的影响。其按照综合环境和经济核算体系( )编制,严格遵循联合国国民经济核算体系( )。
 
这些措施有积极的一面也有消极的一面:经济核算测量污染(消极方面),同时也测量环境如何通过原料和资源有效地促进经济增长等等。它们对于通告可持续发展政策并了解征税或其他经济杠杆如何影响环境相当重要。
 
今年的经济核算涉及自然资源,包括油气储量、林业、化石燃料、能源消耗和排放以及所有自然资源和产品、用水、税收和环保方面的开支。
 
这一年需要注意的几点有:
 
石油储量下降:英国石油储备总量的上限值从1990年的50亿吨减半到了2010年的25亿吨。
 
林地市值增加:英国林地的估计市价总值增加了69%,从2008年的53亿英镑到2011年的90亿英镑。
 
煤使用量下降,天然气使用量上升:煤的使用量从1990年和石油持平的6620万吨减半到了2010年的3250万吨。天然气的使用量几乎在同一时期翻了一番,从5110万吨到9230万吨。
 
能耗总量上升:2010年,总能源消耗量比2009年增加了3%。消费者开支是最大的原因,其次是生产。
 
可再生能源很少,但使用率在上升:来自可再生和废弃原料能源的使用从1990年的130万吨到2010年的710万吨,增加了5倍多。来自可再生和废弃原料的总能耗量在2010年占3.2%。
 
温室气体排放在短期上升,在十年中下降:在2009到2010年间排放增加了3%,但是,在1990到2010年间,温室气体排放下降了17.2%。
在美国,近半数商界领袖和59%的意见领袖为气候变化担忧。而在中国,有四分之三的商界领袖和大多数(78.7%)的意见领袖都关注全球变暖问题。这是美国一家非盈利组织“百人会”新近公布的民意调查的部分结果。“百人会”代表了“来自各行各业卓越的美籍华人”,具体信息可以在此下载。
 
该调查涵盖了诸多与中美关系相关的问题,以及有助于理解中美关系的民众观点。这份调查的一个比较宏观的结论就是中国民众“愈发对中国的国际地位感到自信”,然而美国民众和精英人士却“对中国未来的经济军事角色持强烈的担忧和怀疑态度”。
 
对中外对话的读者们来说,一些对政府环保绩效的理解,也很有意思。
 
大约三分之二的美国受访者认为美政府表现“一般”或“很差”。而大多中国商界领袖对美国政府治理环境表现持正面评价,超过半数的意见领导持负面评价。
 
或许更为引人注目的是,几乎所有的美国商界领袖( %)以及意见领袖(94%)认为中国政府环境绩效“一般”或“很差”,这比2007年的结果有所上升。同样,中国的精英人士,包括70.4%的商界领袖和83.4%的意见领袖,对中国政府处理环境事务持负面评价。
 
最近又进行了一项盖洛普调查,结果发现57%的中国人认为环境治理应当成为中国的首要议题,即便提高环保标准会放缓经济增速。而决策者也应当深思。
 
生产力提高:英国的物质生产力在1990到2010年间翻了超过一倍,同时由于英国经济活动水平下降,使得自然资源使用量下降。
 
税收:2011年,英国政府环境税收达433亿英镑,相当于2.9%的国内生产总值。

Saturday, September 1, 2018

我们能保护四川免遭洪水的再次侵袭吗?

七月的第一周,强降雨侵袭四川,暴雨引发的洪水给当地造成了极大的破坏,冲毁桥梁,并引发山体滑坡,致使四川省会成都附近都江堰市中兴镇四十多人被埋。不久前刚刚遭受地震打击的雅安市也被洪水侵袭, 户居民被淹,预计直接经济损失达7.68亿元。2013年7月8日至10日的强降雨天气使50.8万人口受灾,人被迫撤离,四川、云南两省300多户家庭被毁。

四川省频繁的地质活动造成山体不稳,加之森林砍伐致使水土流失严重,导致了在遇到强降雨时,大量泥沙堆积体随暴雨涌入河道。

今年7月四川省北川县发生的洪水就是这一原因所导致的。泥沙在北川周边水系河道不断堆积,致使附近湔江的防洪能力从20年一遇降至2年一遇。洪水漫过河堤,淹没了县城。

未来的应对之道

2013年7月四川省遭受50年来最强的一次降雨,不幸的是四川在未来或许还会遭受气候变化所带来的更频繁和更极端的天气。

为了降低洪水风险,首先,重要的是要科学地对洪水进行治理,必须摸清四川省境内所有流域的水文地质情况,才能找到某些地区洪水的成因——是因为山体泥沙沉积,还是因为城市地区排水能力不足,抑或是其他原因。之后,我们才能根据不同的成因加以应对。

了解和掌握社会经济条件也很重要,例如,有可能受到灾害影响的人口及财产情况等。防洪措施通常花费不菲。因此,有时候将全镇人口整体搬迁安置到更为安全的地区更加划算,或者还可以采取一些更为经济的变通措施。

最后,各乡镇、各地区应对洪水预警系统进行调整。极端情况下,洪水会决堤而出,我们应当吸取之前的惨痛经验。完备准确的预警系统能够让人们做好充分的准备,更重要的是能够让人们有充足的时间从危险地区撤离。这样一来,至少可以挽救人们的生命和部分个人财产。如果你打算戒烟,那么为防治大气污染而戒烟便是一条很好的理由,至少河北沧州的地方官员是如此认为的。

7月9日,河北沧州市运河区多名官员在群众大会上公开承诺戒烟,并宣称戒烟是治理大气污染的切实行动。

该区区委书记田金昌说,治理大气污染和推行环保不能停留在口头上,还应该有实际行动。他说,戒烟就是实打实的一个行动,是对自己、对家人、对环境做出的一份承诺,付出的一份努力。

运河区副区长张连温则当即表示将为环境保护而戒烟,为表示诚意,他将一盒香烟扔到废纸篓里。

媒体对此次高调的戒烟以治理大气污染的活动多有微词,中国青年报网站上的一篇评论文章更是质问如此举动是否是笑话?

该评论写道:“不可否认,吸烟有害健康,烟草烟雾也是室内空气PM2.5的主要来源,但如果因此就认定吸烟是造成大气污染的元凶,不仅是一种科学的无知,也纯属无稽之谈。”

沧州官员治理大气的戒烟运动开展之际,适逢公众对中国日益严重的空气污染日益担忧之时。据环保部每月空气质量监测结果,中国空气污染最严重的城市大多在北方。

而近来的一些学术研究更是加重了公众的担忧。据最近发表的一份关于中国空气污染的研究,淮河以北的人均预期寿命因空气污染较南方短5.5年。该研究由由四名来自中国、美国和以色列的学者共同完成。今年早些时候的另一份研究显示,中国2010年因空气污染而造成的过早死亡人数达到120万。

尽管环保部毫不意外地辟谣并宣称此类研究不可信,然而政府高层却似乎对空气污染问题有更深的理解。国务院总理李克强在六月的一次国务院常务会议上,部署了防治大气污染的十条措施。