Monday, December 17, 2018

हार के बाद बोले कप्तान कोहली- स्पिनर के बारे में सोचा ही नहीं, तेज गेंदबाजों से थी उम्मीद-VIDEO

ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने पांचवें और अंतिम दिन मंगलवार (17 दिसंबर) को भारतीय पारी को 140 रन पर निपटाते हुए दूसरा क्रिकेट टेस्ट 146 रन से जीत लिया है। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने चार मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली। इससे पहले भारत ने एडिलेड टेस्ट 31 रनों से जीतकर सीरीज में अपनी बढ़त बनाई थी। पर्थ टेस्ट की हार के बाद कप्तान विराट कोहली ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने हमसे अच्छी बल्लेबाजी की।
विराट कोहली ने कहा, 'हम बतौर टीम कुछ जगह अच्छा खेले, लेकिन ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाजी में कहीं बेहतर था। इस पिच पर 330 का स्कोर काफी बड़ा था। ऑस्ट्रेलिया इस जीत का हकदार था। हमें यकीन था कि हम जीत सकते हैं, लेकिन वह ज्यादा एग्रेसिव थे।'
विराट कोहली गेंदबाजों के प्रदर्शन से काफी खुश हैं। उन्होंने कहा, 'हमारे गेंदबाजों ने जिस तरह का प्रदर्शन किया वह तारीफ के काबिल है। उन्होंने बहुत शानदार विकेट निकाले। खास तौर पर दूसरी पारी में हमारे गेंदबाजों का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा।'
टीम सलेक्शन के सवाल का जवाब देते हुए विराट कोहली ने कहा, 'हमने रवींद्र जडेजा के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन मुझे लगता है नाथन लॉयन ने शानदार गेंदबाजी की। पिच के मिजाज को देखते हुए हमने कभी स्पिनर के बारे में सोचा ही नहीं, हमें लगा 4 पेसर बहुत हैं और वह अच्छा करेंगे।'
टीम में भुवनेश्वर कुमार के स्थान पर उमेश यादव को मौका देने पर विराट ने कहा, 'भुवी ने हाल ही में कुछ ज्यादा टेस्ट मैच नहीं खेले हैं। उमेश यादव ने अपने पिछले टेस्ट मैच में 10 विकेट लिए थे और वह अच्छी लय में दिख रहे थे, तो हमने उन्हें चुना। अगर अश्विन फिट होते तो हम उनके नाम पर विचार कर सकते थे।
ऑस्ट्रेलिया से मिले 287 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही भारतीय टीम ने कल 112 रन पर पांच विकेट गंवा दिे थे और उस पर हार का खतरा मंडराने लगा था। भारत ने अंतिम दिन अपने शेष पांच विकेट मात्र 28 रन जोड़कर गंवा दिए और उसकी दूसरी पारी 56 ओवर में 140 रन पर सिमट गई।
विराट कोहली ने अपनी पारी के बारे में कहा, 'जब आप जीतते नहीं हैं तो आपकी परफॉर्मेंस की कोई अहमियत नहीं रहती। इसलिए इस बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं। जैसा हम चाहते हैं, वैसा रिजल्ट हमेशा नहीं मिलता। अब मैं सिर्फ अगले टेस्ट मैच के बारे में सोच रहा हूं.''
अपने विवादित कैच पर उन्होंने कहा, 'यह फील्ड पर लिया गया एक फैसला था और वहीं खत्म हो गया। इस पर अब मैं कुछ नहीं कहना चाहता।' बता दें कि सीरीज का पहला टेस्ट जीत कर ऐतिहासिक शुरुआत करने वाली विश्व की नंबर एक टीम को अपने बल्लेबाजों के दूसरी पारी में निराशाजनक प्रदर्शन का खामियाजा भुगतना पड़ा और उसे 146 रन की शर्मनाक पराजय झेलनी पड़ी।

Monday, December 3, 2018

الكشف عن آلية تحقيق برلمانية بشأن غرق المليارات السبعة

كشف عضو اللجنة المالية النيابية، جمال كوجر، اليوم الاحد، عن آلية اتبعتها اللجنة للتحقيق بملف غرق المليارات السبعة في خزينة البنك المركزي.

وقال جمال كوجر في حديث لـ(بغداد اليوم)، ان "اللجنة المالية في البرلمان واللجنة القانونية، ولجنة النزاهة، جميعها مازالت تحقق في ملف غرق المليارات السبعة في خزينة البنك المركزي".

واضاف كوجر، أن "المالية النيابية قسمت اعضائها الى ثلاثة فرق، تولي الأول مهمة اكمال التحقيق والمتابعة مع القانونية والنزاهة في غرق الاموال، والفريق الثاني يتولى التحقيق بشبهات الفساد التي تحوم حول بناية البنك، فيما ستولى الفريق الثالث ملف صرف العملة والمزاد العلني".


وكانت هيأة النزاهة، قد أعلنت الاثنين (19 تشرين الثاني 2018) تشكيل فريق للتحقيق في قضية تلف المليارات السبعة في مصرف الرافدين، بناء على أوامر مجلس القضاء الأعلى.

وكان محافظ البنك المركزي، علي العلاق، قد كشف خلال جلسة البرلمان التي عقدت يوم الاثنين (12 تشرين الثاني 2018)، أن 7 مليارات دينار عراقي تعرضت للتلف نتيجة دخول مياه الامطار وغرق خزائن مصرف الرافدين عام 2013.
"بوابة الجحيم" هي المذكرات الشخصية للبروفسور حسين حامد حسين اثناء اعتقاله في الامن العامة في عام 1984 بعد زيارته للعراق قادما من الولايات المتحدة للقاء والدته التي كانت حينذاك على فراش الموت . فمن خلال الرواية ، يقدم المؤلف نظرة فاحصة عن مواضيع هامة تلعب ادوارا مدمرة في حياة الناس من خلال هيمنة حكم دكتاتوري شمولي فردي وسيطرة سياسية وتداعيات الحرب وقيم الشرف المضيع والوحشية والجريمة والاغتصاب والدين والسياسة والقيم الأسرية. تلك القيم يتم عرضها  من خلال الرواية في منظور واقعي امام القارئ ومن خلال عدد من الشخصيات المتقاطعة بعضها يمثل الشر، بينما الاخرى تطرح وتعالج مسألة الخير من خلال الدين والايمان والتصوف . كما وتتخلل الرواية أيضا ذكريات عن طفولة الكاتب الغنية بالاحداث والمفارقات الشيقة، والتي عاشها الكاتب في مدينة الناصرية مسقط رأسه . فتلك الجوانب من الثقافة العراقية، وللأسف، قد تم تشويهها بشكل سيء جدا من قبل نظام الطاغية صدام حسين والذي حكم العراق بهوس وجنون لاأخلاقي لخمسة وثلاثين عاما . فسواء في الاعتقال ، أوفي الخطوط الأمامية اثناء الحرب المستعرة بين العراق وإيران ، كان على الكاتب استحضار تلك الذكريات لتساهم في منحه نوعا من انصراف قسري وتشاغل عن ما كان يجري من عنف يومي خلال تلك الايام المريرة المرعبة التي قضاها في الامن العامة سيئة الصيت. إنها قصة خطأ قاد إلى حياة مؤلمة تم فرضها تحت ظل الخوف والمأساة
تبدأ رحلة "بوابة الجحيم" عند وصول الكاتب في الخامس من تموز، 1984 الى مطار بغداد لمواجهة ما اعتقده سيكون من أصعب الأيام الأخيرة في حياة والدته . ولكن ، كان هناك بانتظاره عند مدرج الطائرة ، اثنان من ضباط الأمن ، قاما حالا بسحب جواز سفره ، ثم اقتياده معهما للرد على بعض الأسئلة، حيث كانت سيارة الامن بالانتظار في خارج المطار، ومن ثم بعد ذلك تحول حياة الكاتب إلى كابوس مرعب من خلال روتين يومي من اضطهاد واستجواب واهانات. فبدون محاكمة ، وجد الكاتب نفسه متهما بجرائم كبرى ملفقة ضده من بينها التجسس لصالح الولايات المتحدة ، وجريمته في الاستقالة من حزب البعث حيث كان عضوا فيه والذي اعتبروه احتجاجا وادانة للحزب الذي يرأسه صدام حسين ، فضلا عن خرقه القانون العراقي نتيجة لزواجه بامرأة اجنبية.  وبعد اطلاق سراحه ، تم توجيهه بشكل حازم في وجوب نسيانه لأسرته الأمريكية ، بل ولامريكا نفسها، وأنه بحاجة إلى وظيفة وزوجة عراقية فقط وليس امرأة أمريكية. كما واستمر كابوس الرعب ومضايقات رجال امن صدام وتضييق الحرية على وجوده الشخصي على الرغم من انه عمل استاذا في جامعة الموصل ثم من بعدها في جامعة تكريت، حيث استمر ذلك الضياع لخمسة عشر سنة وحتى عام 1999. 
بوابة الجحيم رواية فريدة ، تصف رحلة الكاتب الشخصية من زوج وأب واستاذ في احدى الجامعات الامريكية ، إلى جندي مجهول نصف جائع في "الجيش الشعبي" في العراق في حرب لا نهاية لها من اجل تجنبه المزيد من سجن وتعذيب وربما حتى إعدام. فخلال المحنة، ألتقى الكاتب في الاعتقال بمجموعات متنوعة من الناس علمته دروسا وأجبرته على إعادة النظر والتعامل مع طبيعة الخير والشر.
            وفي عام (1999)، بعد خمسة عشر عاما من الاقامة الجبرية في العراق ، استطاع الكاتب العودة أخيرا إلى الولايات المتحدة ، لكنه لم يكن قادرا على إعادة حياته الأسرية مع الزوجة والابن الذين تركهما وراءه انذاك. فقد وجد ان حياتهما اتخذت منعطفا أخر، حيث انساهما زمن الفراق الطويل، رجلا كان يعاني كل تلك السنين من اضطهاد النظام والحياة ، ويعيش على امل لقائهما ثانية.
معظم الناس قد يتخذون قرارات خاطئة ، على الأقل مرة في حياتهم ، ولكن نادرا ما يؤدي ذلك القرار إلى فقدانهم اشياءا عزيزة عليهم . ولكن تجربة الكاتب الشخصية، ومن اجل تقوى الوالدين ، فقد كلفته التجربة حريته وعائلته وصحته والمستقبل الذي خطط له من اجل حياته.  
وتبقى الرسالة الاساسية بعد تلك المعانات وبغض النظر عن النتائج ، هي كيفية تعلم التعامل والبقاء على قيد الحياة داخل جحيم ، كان الخروج منه يبدو مستحيلا.

Wednesday, November 14, 2018

कहानी फ़्लिपकार्ट वाले बिनी बंसल की: कामयाबी से इस्तीफ़े तक

फ़्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिनी बंसल ने शायद ही सोचा होगा कि कभी उन्हें इस तरह अपनी कंपनी छोड़ना पड़ेगी.
बिनी बंसल और फ़्लिपकार्ट, ये दो नाम अब तक कामयाबी की एक शानदार कहानी थे लेकिन अब इसमें आरोप और इस्तीफ़े का स्याह पहलू भी जुड़ गया है.
भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर कंपनी फ़्लिपकार्ट के सीईओ और सह-संस्थापक बिनी बंसल ने 'व्यक्तिगत दुर्व्यवहार' के आरोपों के चलते इस्तीफ़ा दे दिया है.
फ़्लिपकार्ट को पिछले साल ही वॉलमार्ट ने ख़रीद लिया था. कंपनी के सह संस्थापक सचिन बंसल अपनी हिस्सेदारी बेचकर पहले ही इस्तीफ़ा दे चुके हैं लेकिन 37 वर्षीय बिनी पद पर बने हुए थे.
कंपनी का कहना है कि बिनी के ख़िलाफ़ शिकायत की अंदरूनी जांच में आरोपों के पक्ष में सबूत तो नहीं मिले हैं लेकिन इस मामले पर बिनी बंसल ने पारदर्शिता नहीं दिखाई है.
हालांकि, बिनी बंसल ने कंपनी के कर्मचारियों को लिखे एक मेल में इन आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने लिखा, ''इन आरोपों से मैं हैरान हूं और दृढ़ता से इन्हें ख़ारिज करता हूं. ये मेरे परिवार और मेरे लिए चुनौती भरा समय है. इन हालात को देखते हुए मैं कंपनी के चेयरमैन और ग्रुप सीईओ के पद से इस्तीफा देना ही सही समझता हूं.''
फिलहाल दोनों बंसल अब फ़्लिपकार्ट से जुदा हो चुके हैं. लेकिन, वो कहानी कम हैरतअंगेज़ नहीं है, जब शून्य से शुरुआत करके बिनी और सचिन बंसल ने फ़्लिपकार्ट को यहां तक पहुंचाया था. भारतीय स्टार्टअप की दुनिया में जय-वीरू कहलाने वाले बिनी बंसल और सचिन बंसल कुछ ही सालों में कॉलेजमेट से सहकर्मी और फिर बिजनेस पार्टनर बन गए.
बिनी बंसल चंडीगढ़ के रहने वाले हैं. उनके पिता एक बैंक के चीफ़ मैनेजर रहे हैं और मां भी किसी सरकारी नौकरी में हैं. उन्होंने आईआईटी, दिल्ली से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है.
कॉलेज से निकले किसी भी नौजवान की तरह वो एक अदद नौकरी चाहते थे जो पढ़ाई को 'सफल' बना सके.
उन्होंने गूगल में भी नौकरी की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुए. गूगल से उन्हें दो बार खाली हाथ लौटना पड़ा.
फिर भी उनकी कोशिशें काम आईं और एक बड़ी ऑनलाइन रिटेलर कंपनी अमेज़ॉन में उन्हें नौकरी मिल गई. अमेज़ॉन में ही वह अपने पुराने दोस्त सचिन बंसल से मिले. यहां ध्यान रखना ज़रूरी है कि बिनी और सचिन दोस्त हैं, भाई नहीं.
सचिन बंसल भी आईआईटी, दिल्ली में कंप्यूटर साइंस के स्टूडेंट रहे हैं और उन्होंने बिनी से एक बैच पहले एडमिशन लिया था.
अमेज़ॉन में साथ काम करते हुए दोनों को ख़ुद के स्टार्टअप का ख़याल आया. दोनों में से किसी को कारोबार का अनुभव नहीं था लेकिन उनके पास एक आइडिया जरूर था.
दोनों ने कुछ हिम्मत दिखाई और नौकरी छोड़ दी. पहले सचिन बंसल और फिर कुछ समय बाद बिनी बंसल अमेज़ॉन से अलग हो गए. बिनी ने सिर्फ़ नौ महीने ही अमेज़ॉन में नौकरी की.
दोनों को ऑनलाइन रिटेल का अनुभव था लेकिन भारत में ये आइडिया पूरी तरह पांव नहीं पसार सका था. ऑनलाइन रिटेलिंग अपने शुरुआती दौर में थी और इस क्षेत्र में दूसरी कंपनियां भी काम कर रही थीं.

Wednesday, September 26, 2018

आज की पाँच बड़ी ख़बरें: '100 रुपये लीटर पेट्रोल' के लिए तैयारी

कई तेल कंपनियों ने पेट्रोल पंपों पर लगीं मशीनों में तब्दीली लाने का फ़ैसला किया है ताकि पेट्रोल की क़ीमत अगर 100 रुपये प्रति लीटर के पार चली जाये तो मशीनें ग्राहकों को ठीक क़ीमतें दिखा सकें.
'इकोनॉमिक टाइम्स' अख़बार ने इस बारे में लिखा है कि कुछ पेट्रोल पंप मालिकों ने ये आशंका ज़ाहिर की थी कि उनके यहाँ लगीं मशीनें तीन अंकों में तेल की क़ीमत दिखाने में फ़िलहाल अक्षम हैं.
वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत बढ़ने की वजह से तेल कंपनियों ने ये निर्णय किया है.
सोमवार को मुंबई में पेट्रोल की क़ीमत 90 रुपये प्रति लीटर तक पहुँच गई थी. हालांकि तेल कंपनियों का ये भी कहना है कि हाल फ़िलहाल में पेट्रोल की क़ीमत 100 रुपये प्रति लीटर तक नहीं पहुँचेगी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के ख़िलाफ़ महाराजगंज ज़िला सत्र न्यायालय ने 19 साल पुराने हत्या के एक मामले में नोटिस जारी किया है.
कोर्ट ने योगी को एक हफ़्ते भीतर जवाब भी दाख़िल करने को कहा है.
इस मामले में अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को होनी है.
हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता तलत अज़ीज़ ने हाई कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दाख़िल की थी, जिसपर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने ज़िला सत्र न्यायालय को दोबारा इस केस का ट्रायल शुरू करने का आदेश दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों से कहा है कि वो ये सुनिश्चित करें हर प्रत्याशी अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी निर्वाचन आयोग की ओर से दिये गए फ़ॉर्म में 'बोल्ड लेटर्स' में दे.
कोर्ट ने ये भी कहा है कि हर प्रत्याशी को नामांकन दाखिल करने के बाद अपने क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी कम से कम तीन बार अख़बारों और टीवी पर देनी होगी.
निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार क्रिमिनल रिकॉर्ड्स के डिक्लेयरेशन के लिए एक नया फ़ॉरमैट तैयार करेगा.
कोर्ट ने ये भी कहा है कि राजनीतिक दलों को अपने प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी अपनी वेबसाइट पर भी देनी होगी.
आधार कार्ड की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फ़ैसला सुना सकता है.
साथ ही प्रमोशन में आरक्षण, कोर्ट की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग और दोषी नेताओं की कुर्सी किसके आदेश से जाएगी, इन तमाम मामलों पर भी सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फ़ैसला दे सकती है.
चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायरमेंट से पहले 4 कार्यदिवस बचे हैं. इस दौरान वो आधार, अयोध्या, अडल्टरी, सबरीमाला, भीड़ द्वारा संपत्ति के नुकसान पहुँचाने के मामले और एक्टिविस्टों के ख़िलाफ़ केस रद्द करने और एसआईटी जाँच की गुहार पर फ़ैसला दे सकते हैं.
यानी चार कार्यदिवस में वो 9 अहम फ़ैसले सुनाने वाले हैं.
सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस नेता अहमद पटेल द्वारा दायर याचिका पर भी फैसला सुनाएगा, जिसमें गुजरात हाईकोर्ट में चुनाव याचिका में सुनवाई आगे बढ़ने के आदेश को चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि अहमद पटेल के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में चुनाव याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी या नहीं.मरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को भारत की तारीफ़ की.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र में ट्रंप ने कहा कि भारत की कोशिशों से वहाँ रह रहे लाखों नागरिक ग़रीबी से बाहर आये हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि ये भारत ही है जहाँ मुक़्त समाज में करोड़ों लोग रहते हैं. वहाँ सरकार ने लोगों को ग़रीबी से निकालकर मिडिल क्लास में शामिल कर दिया है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रंप का ये दूसरा भाषण था.
ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच पर सऊदी अरब और इसराइल का भी ज़िक्र किया.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी ख़बर के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस ने एक लड़की को मुस्लिम लड़के के साथ दिखने पर बुरी तरह पीटा और गालियाँ दीं.
मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एक महिला कॉन्स्टेबल लड़की को पीटते हुए उसे मुस्लिम पार्टनर चुनने के लिए भला-बुरा कह रही है.
वहीं, वैन चलाने वाले होमगार्ड पर पूरी घटना का वीडियो बनाने का आरोप है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि दोनों लड़की से पूछ रहे हैं वो मुसलमान लड़के के साथ क्यों आई है.
इसके बाद गार्ड उससे पूछता है, ''तुम्हें मुल्ला ज़्यादा पसंद आ रहा है? हिंदू लड़कों के रहते हुए?''
इसके बाद महिला कॉन्स्टेबल लड़की के गाल पर बार-बार थप्पड़ मारती है.
वो दोनों लड़की से बार-बार पूछ रहे हैं कि क्या उसे मुस्लिम लड़के को डेट करते हुए शर्म नहीं आती? वैन में दो अन्य पुलिसकर्मी भी सवार थे.
मामला तूल पकड़ने के बाद चारों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है और उनके ख़िलाफ़ विभागीय जाँच शुरू कर दी गई है.
उत्तर प्रदेश के गोरखुपर में दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के दो प्रोफ़ेसरों पर एससी/एसटी ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक दलित छात्र ने दोनों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. ये ख़बरइंडियन एक्सप्रेस में छपी है.
छात्र ने चार दिन पहले ज़हर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश भी की थी जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया.
छात्र ने फ़ेसबुक पर एक वीडियो पर पोस्ट करके इसकी शिक़ायत की थी और कहा था कि ये प्रोफ़ेसर उसे रिसर्च नहीं करने दे रहे हैं.
छात्र ने दोनों पर उत्पी़ड़न और जातिवादी शब्दों के इस्तेमाल का आरोप लगाया था.
छात्र का कहना है कि जब उसने इसकी शिक़ायत विश्वविद्यालय प्रशासन की तो कुछ गुंडों ने उसे जान से मारने की कोशिश की.

Thursday, September 6, 2018

सऊदी अरब इस इमाम के लिए क्यों चाहता है सज़ा-ए-मौत

सऊदी अरब में अगर सोशल मीडिया पर किया गया किसी तरह का व्यंग्य "सरकार के आदेश और धार्मिक मूल्यों का मज़ाक उड़ाता है या उकसावे या बाधा डालने वाला लगता है तो उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.
सऊदी अरब के सार्वजनिक अभियोजन पक्ष ने ऐसे मामलों में सज़ा दिए जाने की वकालत की है.
ऐसे व्यंग्य लिखने और शेयर करने वाले को पांच साल की सज़ा और आठ लाख डॉलर का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
अभियोजन पक्ष इससे पहले भी सरकार की आलोचना करने वालों के खिलाफ एंटी-साइबरक्राइम लॉ का इस्तेमाल करता रहा है.
लेकिन ताज़ा घोषणा के तहत सोशल मीडिया पर व्यंग्य भरे पोस्ट लिखने वाले लोगों पर भी अब गाज गिरेगी. पिछले साल सऊदी अरब की सरकार ने असहमति जताने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की थी. इसमें महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले दर्जनों कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार रक्षकों, प्रभावशाली धार्मिक नेताओं और बुद्धिजीवियों को हिरासत में लिया गया था. इनमें जानेमाने धार्मिक नेता सलमान-अल-अवदाह भी शामिल हैं. ट्वीटर पर उनके 14 मिलियन से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं. ऊदी अरब के सार्वजनिक अभियोजन पक्ष ने सलमान-अल-अवदाह के लिए मौत की सज़ा की मांग की है. उनपर चरमपंथ से जुड़े आरोप लगाए गए हैं.

उनके ख़िलाफ़ रियाद में चल रहे विशेष आपराधिक कोर्ट में सुनवाई के पहले दिन ये मांग रखी गई.
61 साल के सलमान-अल-अवदाह के ख़िलाफ़ कुल मिलाकर 37 मामले दर्ज किए गए हैं. लंदन की सऊदी राइट्स फाउंडेशन के मुताबिक इन मामलों में सरकार के ख़िलाफ़ लोगों को उकसाने का मामला भी शामिल है.
अवदाह के बेटे ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि उनके पिता के ख़िलाफ़ आलोचना भरे ट्वीट करने और पैगंबर मोहम्मद के सम्मान की रक्षा के लिए एक संस्था बनाने का आरोप है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल के कार्यकर्ता डाना अहमद ने पत्रकारों से कहा, "सऊदी में ये चिंताजनक ट्रेंड गंभीर संदेश दे रहा है कि शांतिपूर्ण असहमति और अभिव्यक्ति दर्शाने वाले लोगों को मौत की सज़ा दी जाएगी."
हालांकि सऊदी के अटॉर्नी जनरल ने इस मामले पर अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
सऊदी अरब के शासन में राजपरिवार का बोलबाला है. यहां सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शन करने और राजनीतिक पार्टी बनाने पर रोक है.
पिछले साल असहमति जताने वाले कई धार्मिक नेताओं, बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की गई थी. ये गिरफ्तारियां ऐसे समय में हुई जब सऊदी की सरकार कई तरह के सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाने की बात कर रही है.
सलमान-अल-अवदाह को भी 2017 में अन्य 20 लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा था कि अवदाह को एक ट्वीट के कुछ देर बाद गिरफ्तार किया गया था. ट्वीट में उन्होंने सऊदी अरब और कतर के बीच संभावित सुलह का स्वागत किया था. इससे पहले भी वो सऊदी सरकार की आलोचना करते रहे हैं.
ब्रिटेन में पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया स्क्रिपल पर ज़हरीले नर्व एजेंट नोविचोक से हमले के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस सम्बन्ध में हुई एक बैठक में दोनों पक्षों की ओर से तीखी बयानबाज़ी हुई है.
इस बैठक में ब्रिटेन के जांचकर्ताओं ने परिषद को पूरी जानकारी दी. ब्रिटेन का स्पष्ट आरोप है कि सर्गेई और यूलिया पर रूसी सेना के ख़ुफ़िया अधिकारियों ने हमला करवाया है.
अमरीका, फ़्रांस, जर्मनी और कनाडा ने भी रूस के ख़िलाफ़ ब्रिटेन के आरोपों का समर्थन किया है.
चारों देशों के शीर्ष नेताओं ने मिलकर एक संयुक्त बयान जारी किया. रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीज़ा मे, जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल, फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से जारी किए गए इस बयान में कहा गया-
"हम फ़्रांस, जर्मनी, अमरीका, कनाडा और ब्रिटेन के नेता सैलिस्बरी में 4 मार्च को नोविचोक नाम के रासायनिक नर्व एजेंट के इस्तेमाल पर अपनी नाराज़गी और विरोध दुहरा रहे हैं."
साझा बयान में इन देशों ने रूस से उसके नोविचोक कार्यक्रम का पूरा ब्योरा सार्वजनिक करने की मांग भी की है.
संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन की राजदूत कैरेन पियर्स ने कहा कि रूस अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के ख़िलाफ़ जाकर चीज़ों को अंजाम दे रहा है.
कैरेन ने कहा, "हम जो करना चाहते हैं, लोग उसका समर्थन कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि रूस किस तरह उस अंतरराष्ट्रीय तंत्र के ख़िलाफ़ काम कर रहा है. वही तंत्र जो साल 1945 से हमारी सुरक्षा कर रहा है. लेकिन हम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर रूस को ऐसा करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं."
ब्रिटेन का अगला कदम क्या होगा, इस बारे में कैरेन ने कहा, "ये ज़ाहिर है कि हमें अंतरराष्ट्रीय तंत्र को और मज़बूत बनाने की ज़रूरत है. ऐसा अंतरराष्ट्रीय तंत्र जो सुनिश्चित करे कि रासायनिक हथियारों पर पाबंदी का मतलब पाबंदी ही होता है."
संयुक्त राष्ट्र में अमरीकी राजदूत निकी हेली ने कहा कि अमरीका रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की स्पष्ट आलोचना करता है फिर चाहे वो ब्रिटेन के सैलिस्बरी मे हो या दुनिया के किसी और कोने में.
उन्होंने कहा, "हम इन भयंकर हथियारों के ख़िलाफ़ बने अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और ब्रिटेन के लोगों के साथ मज़बूती से खड़े हैं.
दूसरी तरफ़ रूस ने इन सारे आरोपों को अस्वीकार्य बताते हुए ख़ारिज किया है. रूस ने ब्रिटेन बिना किसी सबूत के उस पर आरोप लगाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि वो रूस के ख़िलाफ़ घृणित दुर्भावना से ग्रस्त है.
इस साल 4 मार्च को दक्षिणी ब्रिटेन के सैलिस्बरी सिटी सेंटर में 66 साल के पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी 33 साल की बेटी यूलिया स्क्रिपल एक बेंच पर बेहोशी की हालत में मिले थे.
बाद में दोनों पर ज़हरीले नर्व एजेंट से हमला होने की बात सामने आई थी. दोनों की स्थिति काफ़ी नाजुक थी लेकिन लंबे वक़्त तक अस्पताल में रहने के बाद वो बाहर आ गए थे.
ब्रिटेन की सरकार ने कहा था कि इस हमले में रूस में बने नर्व एजेंट नोविचोक का इस्तेमाल किया गया है.
इस घटना ने ब्रिटेन और रूस के संबंधों को भी तल्ख़ कर दिया था. इस हमले का आरोप रूस पर लगाते हुए पहले ब्रिटेन ने और फिर उसके समर्थन में 20 से ज़्यादा देशों ने अपने यहां से रूसी राजनयिकों को निकाल दिया था.
अमरीका ने भी अपने यहां से 60 रूसी राजनयिकों को देश छोड़ने को कहा था और सिएटल का रूसी दूतावास बंद कर दिया था.
इसके बाद जुलाई में ब्रिटेन के एक दंपति पर भी उसी नर्व एजेंट से हमले की घटना सामने आई थी जिससे यूलिया और उनके पिता पर हमला किया गया था.

Wednesday, September 5, 2018

世界最新环境资讯

报道,在可再生能源价格不断下降而石油和天然气成本不断升高的环境下,丹麦预计能在2050年前发展起完全无化石燃料的新能源系统。要达到此目标,该报道建议立刻将每年GDP的0.5%投资到绿色能源的开发研究上。

据BBC报道,德国政府最终同意延长核反应堆寿命的计划。面对国内高涨的反核情绪,部长们表示核能的发展是打造绿色未来的“桥梁技术”。

英国《卫报》报道,日本为支撑本国能源安全,明年将在海岸边开始冰冻甲烷(可燃冰)的试探性商业开采。这是一种甲烷水合物-存在冰冻水中的甲烷气-蕴藏在具备低温以及相当于正常气压23倍的高压环境的深海海底或永久冻土层中。

据《卫报》报道,巴西为资助一个大规模的海上勘探项目以使其晋升至全球产油国,日前公布了史上最大的公开招股:销售国营能源集团 价值700亿美元的股份。法新社称, 至此成为世界第三大石油公司,仅次于埃克森美孚和中石油。

据称蓝色尼罗河的河水具有治疗效力,但埃塞俄比亚人说这是他们从尼罗河中得到的唯一好处,美联社报道。埃塞俄比亚是尼罗河的发源地,却常遭受干旱的折磨,而下游国家则尽享受着尼罗河带来的所有好处。出于国家安全的考虑,埃塞俄比亚政府已决定出资进行水利工程建设。

《纽约时报》消息,基于美国西南部长达11年的干旱,以及该地区水需求的不断增长,不出意外,科罗拉多河水位新低记录将在明年初录得。

探索频道表示,全球含水层的消耗速度比补充速度快的多,而且在某些案例中,其下降速率已经超过上世纪60年代的两倍。究其原因,农业灌溉大大推动了用水激增,大约70-80%的地下水因此流失。

据路透社报道,15个欧洲国家同意在世界上首个公海保护区合作,共建大西洋捕鱼自由区。这或意味该区将永久禁止捕鱼和海床钻探开采,甚至将对航运的限制。

美国食品生产商  的决定不在从涉嫌破坏热带雨林的公司购买棕榈油,美联社称此举受到环保人士的称赞。包括联合利华、雀巢、卡夫和汉堡王等公司也已宣布采用相似政策。


 网报道,在可再生能源价格不断下降而石油和天然气成本不断升高的环境下,丹麦预计能在2050年前发展起完全无化石燃料的新能源系统。要达到此目标,该报道建议立刻将每年 的0.5%投资到绿色能源的开发研究上。

据BBC报道,德国政府最终同意延长核反应堆寿命的计划。面对国内高涨的反核情绪,部长们表示核能的发展是打造绿色未来的“桥梁技术”。

英国《卫报》报道,日本为支撑本国能源安全,明年将在海岸边开始冰冻甲烷(可燃冰)的试探性商业开采。这是一种甲烷水合物-存在冰冻水中的甲烷气-蕴藏在具备低温以及相当于正常气压23倍的高压环境的深海海底或永久冻土层中。

据《卫报》报道,巴西为资助一个大规模的海上勘探项目以使其晋升至全球产油国,日前公布了史上最大的公开招股:销售国营能源集团Petrobras价值700亿美元的股份。法新社称, 至此成为世界第三大石油公司,仅次于埃克森美孚和中石油。

据称蓝色尼罗河的河水具有治疗效力,但埃塞俄比亚人说这是他们从尼罗河中得到的唯一好处,美联社报道。埃塞俄比亚是尼罗河的发源地,却常遭受干旱的折磨,而下游国家则尽享受着尼罗河带来的所有好处。出于国家安全的考虑,埃塞俄比亚政府已决定出资进行水利工程建设。

《纽约时报》消息,基于美国西南部长达11年的干旱,以及该地区水需求的不断增长,不出意外,科罗拉多河水位新低记录将在明年初录得。

探索频道表示,全球含水层的消耗速度比补充速度快的多,而且在某些案例中,其下降速率已经超过上世纪60年代的两倍。究其原因,农业灌溉大大推动了用水激增,大约70-80%的地下水因此流失。

据路透社报道,15个欧洲国家同意在世界上首个公海保护区合作,共建大西洋捕鱼自由区。这或意味该区将永久禁止捕鱼和海床钻探开采,甚至将对航运的限制。

美国食品生产商 的决定不在从涉嫌破坏热带雨林的公司购买棕榈油,美联社称此举受到环保人士的称赞。包括联合利华、雀巢、卡夫和汉堡王等公司也已宣布采用相似政策。

Monday, September 3, 2018

英国年度环评报告要点简析

最近,给环境定价是否有用的辩论仍旧如火如荼,英国国家统计办公室则刚公布了国家年度环境经济核算。英国政府一直致力于将环境因素纳入经济解析,这一举措是其中之一。什么是环境经济核算?它们告诉我们什么? 
 
英国的环境经济核算对于英国的国民经济核算来说是“卫星经济核算”。它的产生是为了便于测量经济对环境的影响。其按照综合环境和经济核算体系( )编制,严格遵循联合国国民经济核算体系( )。
 
这些措施有积极的一面也有消极的一面:经济核算测量污染(消极方面),同时也测量环境如何通过原料和资源有效地促进经济增长等等。它们对于通告可持续发展政策并了解征税或其他经济杠杆如何影响环境相当重要。
 
今年的经济核算涉及自然资源,包括油气储量、林业、化石燃料、能源消耗和排放以及所有自然资源和产品、用水、税收和环保方面的开支。
 
这一年需要注意的几点有:
 
石油储量下降:英国石油储备总量的上限值从1990年的50亿吨减半到了2010年的25亿吨。
 
林地市值增加:英国林地的估计市价总值增加了69%,从2008年的53亿英镑到2011年的90亿英镑。
 
煤使用量下降,天然气使用量上升:煤的使用量从1990年和石油持平的6620万吨减半到了2010年的3250万吨。天然气的使用量几乎在同一时期翻了一番,从5110万吨到9230万吨。
 
能耗总量上升:2010年,总能源消耗量比2009年增加了3%。消费者开支是最大的原因,其次是生产。
 
可再生能源很少,但使用率在上升:来自可再生和废弃原料能源的使用从1990年的130万吨到2010年的710万吨,增加了5倍多。来自可再生和废弃原料的总能耗量在2010年占3.2%。
 
温室气体排放在短期上升,在十年中下降:在2009到2010年间排放增加了3%,但是,在1990到2010年间,温室气体排放下降了17.2%。
在美国,近半数商界领袖和59%的意见领袖为气候变化担忧。而在中国,有四分之三的商界领袖和大多数(78.7%)的意见领袖都关注全球变暖问题。这是美国一家非盈利组织“百人会”新近公布的民意调查的部分结果。“百人会”代表了“来自各行各业卓越的美籍华人”,具体信息可以在此下载。
 
该调查涵盖了诸多与中美关系相关的问题,以及有助于理解中美关系的民众观点。这份调查的一个比较宏观的结论就是中国民众“愈发对中国的国际地位感到自信”,然而美国民众和精英人士却“对中国未来的经济军事角色持强烈的担忧和怀疑态度”。
 
对中外对话的读者们来说,一些对政府环保绩效的理解,也很有意思。
 
大约三分之二的美国受访者认为美政府表现“一般”或“很差”。而大多中国商界领袖对美国政府治理环境表现持正面评价,超过半数的意见领导持负面评价。
 
或许更为引人注目的是,几乎所有的美国商界领袖( %)以及意见领袖(94%)认为中国政府环境绩效“一般”或“很差”,这比2007年的结果有所上升。同样,中国的精英人士,包括70.4%的商界领袖和83.4%的意见领袖,对中国政府处理环境事务持负面评价。
 
最近又进行了一项盖洛普调查,结果发现57%的中国人认为环境治理应当成为中国的首要议题,即便提高环保标准会放缓经济增速。而决策者也应当深思。
 
生产力提高:英国的物质生产力在1990到2010年间翻了超过一倍,同时由于英国经济活动水平下降,使得自然资源使用量下降。
 
税收:2011年,英国政府环境税收达433亿英镑,相当于2.9%的国内生产总值。

Saturday, September 1, 2018

我们能保护四川免遭洪水的再次侵袭吗?

七月的第一周,强降雨侵袭四川,暴雨引发的洪水给当地造成了极大的破坏,冲毁桥梁,并引发山体滑坡,致使四川省会成都附近都江堰市中兴镇四十多人被埋。不久前刚刚遭受地震打击的雅安市也被洪水侵袭, 户居民被淹,预计直接经济损失达7.68亿元。2013年7月8日至10日的强降雨天气使50.8万人口受灾,人被迫撤离,四川、云南两省300多户家庭被毁。

四川省频繁的地质活动造成山体不稳,加之森林砍伐致使水土流失严重,导致了在遇到强降雨时,大量泥沙堆积体随暴雨涌入河道。

今年7月四川省北川县发生的洪水就是这一原因所导致的。泥沙在北川周边水系河道不断堆积,致使附近湔江的防洪能力从20年一遇降至2年一遇。洪水漫过河堤,淹没了县城。

未来的应对之道

2013年7月四川省遭受50年来最强的一次降雨,不幸的是四川在未来或许还会遭受气候变化所带来的更频繁和更极端的天气。

为了降低洪水风险,首先,重要的是要科学地对洪水进行治理,必须摸清四川省境内所有流域的水文地质情况,才能找到某些地区洪水的成因——是因为山体泥沙沉积,还是因为城市地区排水能力不足,抑或是其他原因。之后,我们才能根据不同的成因加以应对。

了解和掌握社会经济条件也很重要,例如,有可能受到灾害影响的人口及财产情况等。防洪措施通常花费不菲。因此,有时候将全镇人口整体搬迁安置到更为安全的地区更加划算,或者还可以采取一些更为经济的变通措施。

最后,各乡镇、各地区应对洪水预警系统进行调整。极端情况下,洪水会决堤而出,我们应当吸取之前的惨痛经验。完备准确的预警系统能够让人们做好充分的准备,更重要的是能够让人们有充足的时间从危险地区撤离。这样一来,至少可以挽救人们的生命和部分个人财产。如果你打算戒烟,那么为防治大气污染而戒烟便是一条很好的理由,至少河北沧州的地方官员是如此认为的。

7月9日,河北沧州市运河区多名官员在群众大会上公开承诺戒烟,并宣称戒烟是治理大气污染的切实行动。

该区区委书记田金昌说,治理大气污染和推行环保不能停留在口头上,还应该有实际行动。他说,戒烟就是实打实的一个行动,是对自己、对家人、对环境做出的一份承诺,付出的一份努力。

运河区副区长张连温则当即表示将为环境保护而戒烟,为表示诚意,他将一盒香烟扔到废纸篓里。

媒体对此次高调的戒烟以治理大气污染的活动多有微词,中国青年报网站上的一篇评论文章更是质问如此举动是否是笑话?

该评论写道:“不可否认,吸烟有害健康,烟草烟雾也是室内空气PM2.5的主要来源,但如果因此就认定吸烟是造成大气污染的元凶,不仅是一种科学的无知,也纯属无稽之谈。”

沧州官员治理大气的戒烟运动开展之际,适逢公众对中国日益严重的空气污染日益担忧之时。据环保部每月空气质量监测结果,中国空气污染最严重的城市大多在北方。

而近来的一些学术研究更是加重了公众的担忧。据最近发表的一份关于中国空气污染的研究,淮河以北的人均预期寿命因空气污染较南方短5.5年。该研究由由四名来自中国、美国和以色列的学者共同完成。今年早些时候的另一份研究显示,中国2010年因空气污染而造成的过早死亡人数达到120万。

尽管环保部毫不意外地辟谣并宣称此类研究不可信,然而政府高层却似乎对空气污染问题有更深的理解。国务院总理李克强在六月的一次国务院常务会议上,部署了防治大气污染的十条措施。

Tuesday, August 28, 2018

从帮凶到英雄:中国应全面禁止象牙贸易

近日,中国开始实施“为期一年的象牙雕刻品临时进口禁令”。该禁令对象牙进口数量的影响非常有限,并突显出中国合法象牙贸易市场规模之小。
 
尽管合法象牙贸易的规模很小,甚至可以忽略不计。但它却是引发并刺激大规模非法象牙贸易的罪魁祸首,并为其提供掩护。

为了解象牙合法贸易,我们有必要追溯到1989年出台的《濒危野生动植物物种国际贸易公约》( ),该公约全面禁止了国际象牙贸易。
 
这项象牙贸易禁令为大象这种寿命较长但繁殖缓慢的物种提供了亟需的休养生息的机会,非洲大象种群数量也因此增长。20世纪七八十年代,非洲象群曾遭受了灭顶之灾,种群数量骤减过半。

但这项禁令却并没有取得长期成效,加之国际社会逐渐放开合法象牙贸易,其效力被大大削弱。好比中国将2008年购买的62公吨象牙以每年5公吨的速度分配给37家政府批准的象牙雕刻厂。这些合法贸易将早已蒙上污名的象牙消费成功洗白,误导了消费者,并重新刺激了人们对象牙的需求。

在中国,一些商人和投资者为了推销所谓的“保值投资”理念,积极推动象牙和犀牛角贸易。随着象牙价格飞涨,这些被称为“白色黄金”的象牙演变为人们炫耀财富和地位的工具。
 
 认为,中国是导致1995年以来非法象牙贸易日益猖獗的罪魁祸首。

通过市场调查发现,象牙贸易管制体系不仅普遍未能发挥其监管作用,还为日益猖獗的非法象牙贸易提供了掩护。一家象牙雕刻厂老板承认,政府配给的合法象牙数量只能维持一个月的产量。由此可见,工厂生产的象牙制品中有91%的原料来源并不合法。2011年,一名落网的象牙走私贩就以政府特许证掩人耳目,将7.7公吨象牙从非洲走私到中国。
 
非政府组织( )调查发现,贸易商通常是以平均每公斤157美元的价格买进被列入CITES合法销售名单的象牙,却以每公斤1500美元的高价卖给特许象牙雕刻厂。面对这一巨大的价差,许多象牙雕刻厂老板为了弥补利润缺口,不得不买进价格更为便宜的非法象牙。
 
合法象牙贸易掩盖下的灰色市场不仅为走私、偷猎等犯罪分子提供了可乘之机,还为政府腐败提供了温床。一名因腐败而落网官员就曾以收受象牙的方式受贿。此外,有关政府官员利用外交渠道走私象牙的报道也屡见不鲜。中国代表团访问非洲甚至能使象牙的市场价格上涨已经是一个众所周知的“秘密”了。
 
中国市场对象牙的需求剧增及国内不断攀升的象牙价格更加刺激了盗猎活动。最近一项研究表明,在2010-2012年期间,整个非洲约有10万头大象被猎杀。科学家警告,若人们对象牙的需求不减,非洲一些大象种群很可能在10年之内灭绝。
 
保护运动

针对不断攀升的象牙需求,众多非政府组织( )开展了一系列运动来劝诫人们抵制象牙消费。 国际爱护动物基金会( ) 一则广告为——“妈妈!我长牙了!”成功地将中国人的购买意愿降低了一半。

开展活动提高人们的意识虽然可以消除人们的无知但并不能消灭贪婪。现在,越来越多有学识的中国公众认为,只有通过全面禁止象牙贸易,才能拯救大象并打击腐败。

本月早些时候,一年一度的两会(全国人民代表大会和中国人民政治协商会议)在北京召开。会议上,代表们纷纷为打击公职人员消费濒危物种献计献策。

调查发现, 对于象牙消费者来说,能够让他们不再购买象牙的最有说服力的理由便是政府全面禁止象牙贸易。

微乎其微的合法象牙贸易早已被非法贸易吞食。全面禁止象牙贸易所打击只会是那些长期享受高收益低风险的非法象牙贸易,靠灭绝物种夺取暴利的犯罪分子。

Monday, August 13, 2018

पांच बड़ी ख़बरें: मॉब लिंचिंग पर बोले मोदी, एकता की बताई ज़रूरत

रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर कहा है कि हर किसी को राजनीति से ऊपर उठकर समाज में शांति और एकता बनाने की ज़रूरत है.
उन्होंने मॉब लिंचिंग से जुड़े सवाल पर कहा, "मेरी पार्टी और मैं इन घटनाओं और ऐसी मानसिकता पर कई मौक़ों पर साफ़-साफ़ कह चुके हैं. यह सब रिकॉर्ड में है. इस तरह की एक भी घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हमारे समाज में शांति और एकता सुनिश्चित करने के लिए हर किसी को राजनीति से ऊपर उठना चाहिए."
प्रधानमंत्री मोदी ने असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि भारत के किसी भी नागरिक को देश नहीं छोड़ना होगा.
उन्होंने एनआरसी पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा 'रक्तपात' का शब्द इस्तेमाल करने पर टिप्पणी की. प्रधानमंत्री ने कहा कि जिनका भरोसा ख़ुद में और संस्थानों में कम हो गया है, वही ऐसे शब्द इस्तेमाल कर सकते हैं.
केरल में भारी बारिश और बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 37 तक पहुंच गई है. सरकार ने मौसम के पूर्वानुमान के बाद आधे से अधिक ज़िलों में हाई अलर्ट घोषित किया हुआ है.
एक सरकारी अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि मई महीने से जारी बारिश से अब तक 342 करोड़ रुपए की फसल बर्बाद हो चुकी है.
हालांकि, पालक्कड और वायनाड जैसे ज़िलों में पानी का स्तर घटने से जनजीवन थोड़ा सामान्य हुआ है.
गृह मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी प्रमुख अमित शाह ने शनिवार शाम दिल्ली के एम्स अस्पताल में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सेहत की जानकारी ली.
अमित शाह एम्स शाम 6.30 बजे और राजनाथ सिंह रात 8.15 बजे पहुंचे. दोनों ने वाजपेयी की सेहत की स्थिति का जायज़ा लिया. हालांकि, आधिकारिक रूप से इस बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है. वाजपेयी को 11 जून को एम्स में भर्ती किया गया था.
उन्हें किडनी और सीने में इन्फेक्शन की शिकायत के बाद भर्ती किया गया था. 93 साल के वाजपेयी मधुमेह के भी मरीज़ हैं और उनकी एक ही किडनी काम करती है. 2009 में उन्हें एक स्ट्रोक का सामना करना पड़ा था और तब से उनकी सेहत में लगातार गिरावट आती गई.
डोकलाम मुद्दे पर संसद में विदेश मामलों की स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट पेश न किए जाने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाक़ात की है.
शशि थरूर इस कमिटी के चेयरमैन हैं. 'द हिंदू' अख़बार ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि थरूर ने विदेश मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी ताकि सरकार इसको पढ़ने के बाद संसद में पेश करे.
कमिटी के एक सदस्य ने कहा कि ऐसा लगता है कि सत्ताधारी पार्टी को इससे कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसमें जिन विदेश और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के बयान हैं वे सरकार को नागवार गुज़र सकते हैं.
मिस्र की पुलिस का कहना है कि उसने राजधानी काहिरा के पास स्थित कोप्टिक क्रिश्चियन चर्च पर होने वाले एक आत्मघाती बम धमाके को नाकाम कर दिया है.
सरकारी मीडिया के मुताबिक़, विस्फोटकों से भरी बेल्ट पहने एक शख़्स ने चर्च आए लोगों के बीच घुसने की कोशिश की लेकिन सुरक्षाबलों ने उसे चर्च की इमारत में घुसने से रोक लिया. इसके बाद उस शख़्स ने ख़ुद को पास के एक पुल के पास उड़ा दिया.